वाशिंगटन.अमेरिकी साइंसदानों ने एक ऐसी नई लेजर सेंसिंग तकनीक विकसित करने का दावा किया है जो कहीं पर भी छिपाए गए बम या अन्य विस्फोटक खोज निकालेगी। यह तकनीक विकसित करने वाले विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने हवा से लेजर लाइट बीम निकालने में सफलता पाई है। इससे हवा में मौजूद प्रदूषण को भी मापने में मदद मिलेगी।
प्रिंसटन के मैकेनिकल व एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफैसर व वैज्ञानिक रिचर्ड माइल्स ने बताया कि वो जो लेजर पल्स हवा में मारते हैं उसी की पल्स वापस धरती पर आती है। वापस आई बीम हवा में तैर रहे अणुओं से मिलकर उनका फिंगरप्रिंट तैयार कर देती है। ये फिंगरप्रिंट उस चीज के भी हो सकते हैं जो छिपाई गई है। इससे पहले के लेजर सेंसिंग टैक्नीक में वापस आ रही बीम जा रही लेजर का सिर्फ प्रतिबिंब प्रदर्शित करती थी।
नई टैक्नीक वाली लेजर में लगे सेंसर हवा में मौजूद कणों से ही पता लगा लेंगे कि आसपास कहीं बम छिपाया गया है। हवा में मौजूद ऑक्सीजन के अणु हॉट-स्पॉट वाली जगह ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं जिससे किसी चीज के दबाए या छिपाने का पता चलता है
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