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Saturday, March 26, 2011

सुख-शांति के लिए इन 9 बातों को गुप्त रखें

इंसान के स्वभाव में एक रोचक बात होती है कि दूसरों की जिन बातों में वह फायदा देखता है, उसे तुरंत जानना चाहता है। किंतु जिन बातों से वह स्वयं लाभ कमाता है, वह यथासंभव उजागर नहीं करना चाहता। ऐसी सोच इंसान के कर्म, व्यवहार और स्वभाव को भी नियत करती है। इसलिए हर व्यक्ति को कोशिश जरूर करना चाहिए कि ऐसी सोच जीवन और रिश्तों में नकारात्मक नतीजे न लाए। शास्त्रों में भी ऐसी ही कुछ बातों को गुप्त रखने की सीख दी गई है, जिनसे कोई भी इंसान अनचाहे कलह से बच सकता है।

शास्त्रों के मुताबिक नीचे लिखी नौ बातें किसी भी व्यक्ति को अनचाही परेशानी से बचा सकती है -

1-वित्त  यानी धन - धन किसी भी व्यक्ति की ताकत का पैमाना होता है। यह दूसरों का आपके प्रति व्यवहार 
नियत ही नहीं करता, बल्कि इसके उजाग़र होने पर शत्रु द्वारा या मित्र के मन भी लोभ आने पर किसी न किसी      रूप में हानि पहुंचाई जा सकती है।

2-गृहछिद्र यानी घर की फूट - घर या परिवार का आपसी कलह उजागर होना परिवार के साथ हर सदस्य को व्यक्तिगत, व्यावहारिक और सामाजिक स्तर पर नुकसान का कारण बनता है।

3-मंत्र - शास्त्रों के मुताबिक गुरु हो या इष्ट मंत्र, इनको गुप्त रखने पर ही इनकी शक्तियों का लाभ मिलता है।

4-औषध - शास्त्रोक्त मान्यता है कि औषधी के शुभ प्रभाव गुप्त रखने पर ही होते हैं।           

5-मैथुन - शास्त्रों में इंसान के लिए काम यानी मैथुन क्रिया की मर्यादा नियत की गई है। जिनका भंग होना या इसका उजाग़र होना चरित्र हनन का कारण बनता है।

6-दान - धार्मिक दृष्टि से गुप्त दान बहुत ही पुण्य देने वाला होता है, जबकि दान देकर बताना अपयश का कारण बनता है।

7-मान - अपनी मान-प्रतिष्ठा का बखान भी अहं पैदा करता है, जिससे अनेक स्वाभाविक दोष पैदा होते हैं।

8-अपमान - अनेक मौकों पर अपमान को छुपा लेना या पचा लेना व्यक्ति के लिए हितकारी होता है। बार-बार स्वयं के अपमान को उजागर करना व्यक्ति की कमजोरी बताने के साथ ही स्वयं के मानसिक कष्टों का कारण भी बनता है।

9-आयु - व्यावहारिक रूप से आयु को गुप्त रखना मुश्किल होता है। किंतु अनेक अवसरों पर उम्र छुपाना भी हानि से बचा सकता है। इसमें दर्शन देखें तो व्यक्ति द्वारा आयु को औरों की तुलना में स्वयं से छिपाना सार्थक है यानी उम्र का ख्याल दिमाग पर हावी न रख कर्म के संकल्प के साथ जीवन जीना चाहिए।

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